यह बहुत ही डरावना होता है, जो आपको बुरी तरह से डरा देता है.
डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.
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क्या आपको एहसास है बात अब ये ही खास है आपका दिल हमारे पास है हमारा दिल आपके पास है आपका दिल हमारे ... ये क्यूं आज रेशम सी है रोशनी ये क्या गीत सा इन हवाओं में है तुम्हें छू के रेशम हुई रोशनी मेरे दिल की धड़कन फ़िज़ाओं में है बहके बहके कई दिल में जज़्बात हैं जागी जागी कोई अनकही प्यास है आपका दिल हमारे .
रात में सोने से पहले ब्रीथिंग एक्सरसाइज करें, इससे आपको डरावने सपने नहीं आएंगे
पूरी रात सपने क्यों आते हैं और कब आते more info हैं?
कई बार मन थका हुआ होता है और शरीर भी कमजोर है तब बुरे सपने आते हैं.
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पैरासोम्निया होने पर भी आपको नाइटमेयर आने की परेशानी हो सकती है
बुरे सपने ज्यादातर आधी रात के समय आते हैं,इनका कोई फिक्स समय नहीं होता ये एक से ज्यादा बार भी आ सकते हैं
बुरे सपने कभी भी और किसी भी उम्र में सोने के बाद आ सकते हैं.
थेरेपी या काउंसलिंग से मदद मिल सकती है।